Anagarika dhammapala kaun the

भारत में बौद्ध विहारों के पुनरुत्थानक Anagarika dhammapala the भारत देश में सभी प्राचीन बौद्ध विहारों पर पाखंडियों ने कब्ज़ा कर रखा था | जिसे मुक्त करने के लिए Anagarika dhammapala ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया | Anagarika dhammapala kaun the अक्सर लोग भूल जाते है अगर Anagarika dhammapala ना होते तो आज भी बोधगया का महाबोधि मंदिर पाखंडियों के कब्जे में होता |

Anagarika dhammapala kaun the

Anagarika dhammapala (अनागरिकधर्मपाल)

अनागरिक = किसी देस का नागरिक नहीं ।

धर्मपाल = शील सदाचार का पालनहार।

जन्म -17 सितम्बर 1864

गुलाम भारत में भगवान बुद्ध से जुड़ी संबोधि स्थल बोधगया, धर्मचक्रप्रवर्तन स्थल सारनाथ , महापरिनिर्वाण स्थल कुशीनगर ब्राह्मणों के कब्जे में था।

वहां भगवान बुद्ध की मूर्ति को रंग-रोगन करके शंकर महादेव बनाकर

शैव पंथ द्वारा ब्राह्मणी कर्मकांड किया जाता था।

इस स्थान पर बौद्धों का प्रवेश निषेध था।

1891 ईस्वी में अनागरिक धम्मपाल जी द्वारा भगवान बुद्ध से जुड़ी स्थलों को ब्राह्मणों के कब्जे से मुक्त कराने हेतु ” महाबोधि सोसाईटी की स्थापना की गई।

प्रारम्भिक काल में “महाबोधि सोसाइटी” का कार्यालय कोलंबो था, लेकिन जल्द ही यह कार्यालय कलकत्ता स्थान्तरित हो गया। अंग्रेजी न्यायालय में महाबोधि सोसायटी की ओर से अनागरिक धम्मपाल जी ने एक सिविल मुकदमा दायर किया,

जिसमें उन्होंने अंग्रेजी सरकार से मांग की थी कि संबोधि स्थल सहित सभी प्रमुख बौद्ध स्थलों को ब्राह्मणों के कब्जे से मुक्त करते हुए बौद्धो को हस्तांतरित किया जाए।

लेकिन

इस मुकदमा में अंग्रेजी न्यायालय कुछ निर्णय नहीं दे सका।

अनागरिकधर्मपाल जी के निधनोपरांत आजाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद जी के हाथों बौद्ध गया वैशाख पूर्णिमा, सं. 2012 अर्थात 6 मई सन् 1955 को महाबोधि सोसाइटी को दे दी गई।

आज उसी वजह से संबोधि स्थल (बोध गया) में बौद्ध जा रहे हैं।

परंतु आंशिक रूप से आज भी वहां ब्राह्मणों का कब्जा बरकरार है और यह कब्जा तब तक रहेगा जब तक यहां के लोग ब्राह्मणों के गुलामी से पूर्णतः मुक्त नहीं होगें।

आज हम सभी भगवान बुद्ध से जुड़ी जो भी स्थलों का भ्रमण करतें है, वह सभी अनागरिक धम्मपाल जी के प्रयासों का परिणाम है।

ऐसे महान अनागरिकधर्मपाल जी के जन्म तिथि पर अग्रिम नमन वंदन

इस न्यूज़ रिपोर्ट को वीडियो फोर्मेट में हमारे न्यूज़ चैनल News7 Bharat पर देख सकतें हैं |

FAQ

Ques-1 अंगारिका धर्मपाल के बारे में क्या कहानी है?

अनागरिक धम्मपाल का जन्म श्री लंका में हुआ था |

भारत आकर उन्होंने पाखंडियों के कब्जे से बौद्ध विहारों को आजाद कराया 

Ques-2 अंगारिका धर्मपाल किस लिए प्रसिद्ध है?

Anagarika dhammapala ही वो व्यक्ति है जिन्होंने जब भारत गुलाम था उस समय महाबोधि बौद्ध विहार भी पाखंडियों का गुलाम था अपने अथक प्रयास से महाबोधि बौद्ध विहार को पाखंडियों के कब्जे से मुक्त कराया |

Ques-3 अनागारिका धर्मपाल ने बौद्ध धर्म के लिए क्या किया?

जिस वक्त तक भारत अंग्रेजों का गुलाम था तब भारत के बौद्ध विहारों पर पाखंडियों का कब्ज़ा था | Anagarika dhammapala ने संबैधानिक तरीके से उन बौद्ध विहारों को धूर्तों से आजाद कराया |

Ques-4 बुद्ध धम्म में अनागरिक धर्मपाल का क्या योगदान है?

19वीं सदी में विश्व को बौद्ध धर्म से साक्षात्कार कराने में श्रीलंका के अनागारिक धर्मपाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्हें आधुनिक बौद्ध धर्म का पुनरुद्धारक माना जा सकता है। धर्मपाल ने बोधगया को विश्व के सामने लगाया। बौद्ध धर्म द्वारा भारत व श्रीलंका दोनों देशों को नजदीक लाया है।

Ques-5 अनागरिक धम्मपाल कौन थें 

अनागरिक धर्मपाल जिनका योगदान बुद्धिस्ट जगत के लिए हमेशा प्रेरणादायी रहेंगा। स्वामी विवेकानन्द को पहचान दिलानेवाले मार्गदाता थे Anagarika Dharmapala

 

 

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